डीजल रेल इंजन के निर्माण में डीरेका का विश्व में दूसरा स्थान
डीजल रेल इंजन कारखाना (डीरेका) वाराणसी द्वारा 2 अप्रैल 2014 को जारी विज्ञप्ति के अनुसार, डीरेका ने डीजल रेल इंजन के निर्माण के मामले में 1 अप्रैल 2014 को विश्व में दूसरा स्थान प्राप्त कर लिया.
डीरेका द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, रेलवे बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2013-14 में 300 इंजन बनाने का लक्ष्य दिया था, लेकिन डीरेका ने 311 इंजन तैयार कर विश्व स्तर पर एक वर्ष में डीजल रेल इंजन के निर्माण के मामले में दूसरा स्थान प्राप्त कर लिया. डीजल रेल इंजन कारखाना के महाप्रबंधक भुवनेश प्रकाश खरे के अनुसार डीरेका में तैयार डीजल रेल इंजन श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यंमार, मलेशिया आदि देशों को भी निर्यात किए जाते हैं.
विदित हो कि डीजल रेल इंजन के निर्माण के मामले में विश्व स्तर पर पहले स्थान पर अभी अमेरिका है. वहीं तीसरे स्थान पर यूरोपियन जी - कंपनी है.
डीजल रेल इंजन कारखाना (वाराणसी) से संबंधित मुख्य तथ्य:-
डीजल रेल इंजन कारखाना (डीरेका) वाराणसी में वर्ष 1961 में भारत सरकार के अधीन स्थापित डीजल रेल इंजन निर्माण का कारखाना है.
डीजल रेल इंजन कारखाना वाराणसी की स्थापना अगस्त 1961 में डीजल रेल इंजन निर्माण हेतु एल्को-अमेरिका के सहयोग से हुई. डीजल रेल इंजन कारखाना (डीरेका)वाराणसी ने जनवरी 1964 में प्रथम रेल इंजन का निर्माण कर राष्ट को समर्पित किया . जनवरी 1976 में डीरेका ने निर्यात बाजार में प्रवेश किया और प्रथम रेल इंजन तंजानिया को निर्यात किया गया. इसके बाद दिसम्बर 1977 में प्रथम डीजल जनित सेट का कमीशन किया गया. अक्टूबर 1995 में अत्याधुनिक माइक्रोप्रोसेसर नियंत्रित, एसी डीजल इलेक्टिक रेल इंजनों के निर्माण हेतु जनरल माटर्स, अमेरिका के साथ समझौते किया गया.
डीजल रेल इंजन कारखाना (डीरेका) वाराणसी को फरवरी 1997में अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आई.एस.ओ) से 9002 प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ. मार्च 2001 में आई एस ओ 14001 प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ.
डीजल रेल इंजन कारखाना (डीरेका) वाराणसी को फरवरी 1997में अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आई.एस.ओ) से 9002 प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ. मार्च 2001 में आई एस ओ 14001 प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ.
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