Thursday 4 September 2014

4 सितम्बर 2014 का करेण्ट अफेयर्स

1) भारत सरकार द्वारा अभी कुछ समय पूर्व हिंदी और मराठी जैसी आठ भारतीय भाषाओं के लिए शुरू किए गए देवनागरी लिपि आधारित इंटरनेट डोमेन एक्सटेंशन कौन सा है? – .भारत (.bharat)
विस्तार : .भारत डोमेन एक्सटेंशन का अर्थ हुआ कि अब 8 भारतीय भाषाओं की वेबसाइटों में .कॉम (.com), .नेट (.net) अथवा .इन (.in) जैसे डोमेन एक्सटेंशन के बजाय देवनागरी लिपि में लिखित .भारत दर्ज रहेगा – जैसे उदाहरण के लिए (हिंदी-कहानी.भारत)। 8 भाषाएं जिनके लिए फिलहाल .भारत का इस्तेमाल किया जा सकता है, हैं – बोडो, डोगरी, हिंदी, कोंकणी, मैथिली, मराठी, नेपाली और सिंधी। हालांकि भारत सरकार अब जल्द ही .भारत को भारत की अन्य सभी भाषाओं के लिए प्रयुक्त करने की व्यवस्था कर रहा है।
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2) 3 सितम्बर 2014 को जारी 19वीं पशुधन जनगणना (2012) में मुख्यत: क्या निष्कर्ष निकल कर आया है? – वर्ष 2012 में भारत के कुल पशुधन में वर्ष 2007 की तुलना में 3.3% की गिरावट आई है
विस्तार : वर्ष 2012 से सम्बन्धित 19वीं पशुधन जनगणना (19th Livestock Census) को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग ने 3 सितम्बर 2014 को जारी कर दिया। इस जनगणना रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2012 के दौरान कुल पशुधन की संख्या 51.20 करोड़ थी जोकि वर्ष 2007 की कुल पशुधन संख्या 52.96 करोड़ से 3.3% कम थी। इस पशुधन में शामिल पशु हैं गाय, भैंस, बकरी, भेड़, सूअर, घोड़ा, खच्चर, गधा, ऊँट, मिथुन और याक शामिल हैं। लेकिन रिपोर्ट में यह तथ्य भी उजागर हुआ कि मुख्य दुधारू पशुओं गाय और भैंस की जनसंख्या 11.10 करोड़ से बढ़कर 11.85 करोड़ हो गई। इसके अलावा मादा गाय और भैंस की संख्या में भी क्रमश: 6.52% और 7.99% की वृद्धि दर्ज की गई। लेकिन बकरी और भेड़ की जनसंख्या में क्रमश: 3.82% और 9.07% की कमी 2012 के दौरान दर्ज की गई। ऊँट और गधे की जनसंख्या में क्रमश: 22.48% और 27.22% की कमी आना चिंता का विषय रहा। उल्लेखनीय है कि 19वीं पशुधन जनगणना वर्ष 2012 के दौरान संचालित की गई थी तथा इसमें 15 अक्टूबर 2012 के दिन देश में पशुओं की वास्तविक संख्या पता लगाने का प्रयास किया गया था। भारत में पहली पशुधन जनगणना 1919-20 के दौरान क्रियान्वित की गई थी तथा इसके बाद अब तक 18 और पशुधन जनगणना की जा चुकी हैं।
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3) जिनेवा-स्थित विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum – WEF) द्वारा 3 सितम्बर 2014 को जारी वैश्विक प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट 2014-15 (Global Competitiveness Report 2014-15) के अनुसार प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता के अनुसार भारत का इस वर्ष के दौरान विश्व में क्या स्थान रहा? – 71वाँ
विस्तार : पिछले वर्ष की वैश्विक प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट में भारत का स्थान 60वाँ था और इस प्रकार 2014-15 के दौरान भारत के स्थान में 11 स्थानों की गिरावट दर्ज की गई है। खास बात यह रही कि 5 ब्रिक्स (BRICS) देशों के समूह में भारत का स्थान सबसे पिछड़ा रहा। चीन ने अपने स्थिति में एक स्थान का उछाल प्राप्त करते हुए 28वां स्थान हासिल किया तथा वह ब्रिक्स देशों में सबसे आगे रहा। ब्रिक्स देशों में चीन के बाद क्रमश: रूस (53वाँ स्थान), दक्षिण अफ्रीका (56वाँ स्थान) और ब्राज़ील (57वाँ स्थान) रहे। इस सूची में एक बार फिर स्विटज़रलैण्ड को सर्वोच्च स्थान प्राप्त हुआ और उसके बाद क्रमश: सिंगापुर और अमेरिका रहे। इस सूची में सर्वोच्च दस स्थानों पर शामिल अन्य देश रहे, क्रमश:, – फिनलैण्ड, जर्मनी, जापान, हांग कांग, नीदरलैण्ड्स, ब्रिटेन और स्वीडन। उल्लेखनीय है कि भारत की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में कमी आने का सिलसिला 2009 में शुरू हुआ था जब अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.5% के ऊंचे स्तर पर थी।
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4) उस “ट्रोजन” श्रेणी के कम्प्यूटर वायरस का क्या नाम है जिसने हाल-फिलहाल के दिनों में भारतीय साइबर जगत को अपनी जकड़ में ले रखा है तथा जो क्रेडिट व डेबिट कार्ड के संवेदनशील आंकड़े चुराने में महारथ रखता है? – “बैक-ऑफ” (“Backoff”)
विस्तार : भारत में साइबर सुरक्षा क्षेत्र पर निगरानी रखने वाली शीर्ष संस्था CERT-In ने 3 सितम्बर 2014 को बैक-ऑफ के बारे में महत्वपूर्ण जानाकारियां जारी की। इनमें बताया गया कि मुख्यत: विण्डोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम पर प्रभाव डालने वाला यह वायरस व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में लगे प्वाइंट-ऑफ-सेल उपकरणों (Point of Sale (POS) systems) को अपने नियंत्रण में लेता है। इनके माध्यम से बैक-ऑफ वायरस क्रेडिट और डेबिट कार्ड में दी गई जानकारियों जैसे धारक का नाम, कार्ड की वैधता तिथि, खाता संख्या तथा CVV नम्बर को हासिल कर लेता। यह वायरस इतना शातिर है कि यह कम्प्यूटर अथवा प्वाइंट-ऑफ-सेल उपकरणों में दर्ज किए जाने वाले कीस्ट्रोक्स (keystrokes) को दर्ज कर लेता है तथा हैकिंग को एक नए स्तर पर ले जाता है। उल्लेखनीय है कि CERT-In (Computer Emergency Response Team India) भारत में साइबर सुरक्षा पर निगरानी रखने वाली शीर्ष नोडल संस्था है तथा यह समय-समय पर होने वाले घातक कम्प्यूटर वायरस हमलों के बारे में चेतावनियां और दिशानिर्देश जारी करती है।
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5) IIT खड़कपुर की संयुक्त कार्यान्वयन समिति (Joint Implementation Committee) द्वारा वर्ष 2014 की आईआईटी प्रवेश परीक्षा (IIT-JEE) से सम्बन्धित आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष देश के आईआईटी संस्थानों में प्रवेश लेने वाली सर्वाधिक छात्र संख्या किस शहर के छात्रों की थी? –जयपुर
विस्तार : जयपुर के बाद आईआईटी संस्थानों में प्रवेश लेने वाले सर्वाधिक छात्र क्रमश: दिल्ली, हैदराबाद, विजयवाडा, पटना और मुम्बई से थे। भारत के सभी आईआईटी संस्थानों में प्रवेश लेने वाले छात्रों का लगभग 40% इन 6 शहरों से रहा। जयपुर से पंजीकरण कराने वाले 10,116 छात्रों में से 2,780 ने इस परीक्षा में क्वालीफाई किया। इन आंकड़ों में यह तथ्य भी सामने आया कि आन्ध्र प्रदेश से सर्वाधिक 18.32% छात्र आईआईटी के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहे। इसके बाद क्रमश: राजस्थान (15.81%), उत्तर प्रदेश (12.21%), महाराष्ट्र (8.52%) और दिल्ली एनसीआर (6.61%)का स्थान रहा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 की आईआईटी प्रवेश परीक्षा का आयोजन आईआईटी खड़कपुर ने किया था।
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6) किस ऑटो कम्पनी ने 3 सितम्बर 2014 को अपनी नई मध्यम आकार की सेडान श्रेणी की कार सियाज़ (Ciaz) लाँच करने की घोषणा की? – मारुति सुज़ुकी
विस्तार : कॉम्पेक्ट श्रेणी की कारों में अपना दबदबा कायम रखने वाली मारुति सुज़ुकी अब सियाज़ नामक नई कार से मध्यम आकार की सेडान श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त करने की कोशिश करने जा रही है। उल्लेखनीय है कि कम्पनी ने इससे पहले बलेनो (Baleno) और एसएक्स4(SX4) नामक मध्यम आकार की सेडान श्रेणी की कारें लाँच की थीं लेकिन ये कारें अपना विशेष प्रभाव छोड़ने में असफल रही थीं। सियाज़ को अक्टूबर 2014 के प्रथम सप्ताह में आधिकारिक तौर पर जारी किया जायेगा।
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